यूपी के छोटे शहरों में होगी ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ती


अगर आप यूपी के बड़े शहरों में शिक्षक की नौकरी ज्वाइन करने की सोच रहे हैं तो अब यह डगर थोड़ी मुश्किल हो गई है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी सूची के मुताबिक लखनऊ, नोएडा आदि बड़े शहरों के बजाय सीतापुर, गोंडा और बहराइच जैसी जगहों पर ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं। ऐसे में बीएड करने के बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने वाले ज्यादातर लोगों की नियुक्ति छोटे शहरों में होगी।

विभाग की ओर से जारी रिक्तियों को देखा जाए तो लखनऊ, मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद व हापुड़ जैसे बड़े शहरों में शिक्षकों के मात्र 12-12 पद रिक्त हैं। वहीं छोटे शहरों सीतापुर में 6400, लखीमपुर में 6200, गोंडा व बहराइच में 4000-4000 और हरदोई में 3200 पद रिक्त हैं।

गांव में होगी शुरुआती तैनाती
बेसिक शिक्षा विभाग ने जिलेवार शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्यौरा बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेज दिया है। शिक्षकों की भर्ती के लिए इसके आधार पर जिलेवार विज्ञापन शुक्रवार को प्रकाशित हो जाएंगे। टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को अलग-अलग जिले के लिए अलग-अलग ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

बेसिक शिक्षा अध्यापक तैनाती सेवा नियमावली के मुताबिक नवनियुक्त शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के सुदूरवर्ती इलाकों में पहली तैनाती दी जाएगी। इसमें पुरुषों को ग्रामीण क्षेत्र में एक साथ पांच साल तक रहना होगा और महिला शिक्षिकाओं को पूरी सेवाकाल में दो साल तक रहना होगा। बेसिक शिक्षा अधिकारियों से इसके आधार पर ही स्कूलों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

शिक्षकों के कहां कितने पद
लखनऊ, मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, कानपुर नगर, औरैया, बलिया, बागपत में 12-12, कानपुर देहात, झांसी 50-50, फतेहपुर, वाराणसी, मऊ, मुजफ्फरनगर, शामली, बांदा में 100-100, मथुरा, फिरोजाबाद, आगरा, बुलंदशहर, अमरोहा, बाराबंकी, अंबेडकर नगर में 200-200, मैनपुरी, बिजनौर, हमीरपुर, फैजाबाद, उन्नाव, गोरखपुर 300-300, अलीगढ़, चित्रकूटधाम, हाथरस, बस्ती, फर्रुखाबाद, कन्नौज में 400-400 पद हैं।

प्रतापगढ़ 417, छत्रपतिशाहू जी महाराज नगर (अमेठी), देवरिया, सुल्तानपुर में 500-500, जालौन, इटावा, ललितपुर, सहारनपुर में 600-600, एटा, कांशीराम नगर 700-700, संतरविदासनगर, संतकबीर नगर, महोबा, रामपुर में 800-800 रिक्त हैं। रायबरेली 900, संभल, मुरादाबाद, इलाहाबाद 1000-1000, बरेली 1100, श्रावस्ती 1200,  बदायूं 1600, पीलीभीत 1200, शाहजहांपुर 2800, कौशांबी 800, चंदौली 1400, गाजीपुर 2000, जौनपुर 1000, मीरजापुर 2000, सोनभद्र 1600, हरदोई 3200, सीतापुर 6400, लखीमपुर 6200, कुशीनगर 4000, महाराजगंज 2500, सिद्धार्थनगर 2000,  गोंडा 4000, बलरामपुर 1800, बहराइच 4000 तथा आजमगढ़ 2000 पद हैं।

ये डिग्रियां अमान्य
राज्य सरकार ने शिक्षकों की भर्ती के लिए गुरुकुल विश्वविद्यालय वृंदावन मथुर, बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ग्वालियर मध्य प्रदेश, बोर्ड ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन दिल्ली तथा इस तरह की संस्थाएं जिन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने फर्जी करार दे रखा है की डिग्रियों को अमान्य घोषित कर दिया है

क्या होगा पुराने आवेदकों का
राज्य सरकार ने शिक्षकों की भर्ती के लिए भले ही 21 से 40 वर्ष की आयु सीमा रखी है, लेकिन उन टीईटी पास बीएड डिग्रधारकों का क्या होगा जो यह आयु सीमा पूरी कर चुके हैं।

यूपी में टीईटी नवंबर 2011 में आयोजित की गई। इसके कुछ दिनों बाद ही टीईटी मेरिट के आधार पर शिक्षकों की भर्ती का आवेदन भी मांग लिया गया। पर विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने और हाईकोर्ट में मामला फंसने की वजह से एस समय शिक्षकों की भर्तियां नहीं हो सकीं। उस समय शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन करने वाले सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी इस समय 40 वर्ष की आयु सीमा पूरी कर चुके हैं।




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