यूपी बोर्ड के अभ्यर्थियों पर भारी पड़ेंगे सीबीएसई-आईसीएसई वाले शिक्षक भर्ती में हावी रहेंगे अंग्रेजी वाले

यूपी बोर्ड के अभ्यर्थियों पर भारी पड़ेंगे सीबीएसई-आईसीएसई वाले
शिक्षक भर्ती में हावी रहेंगे अंग्रेजी वाले
अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के खाली पदों के लिए हो रही भर्ती में इस बार सीबीएसई और आईसीएसई से जुड़े अभ्यर्थी फायदे में रहेंगे। यूपी बोर्ड की अपेक्षा अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों के छात्रों को अधिक अंक मिलने के कारण प्राथमिक विद्यालयाें अंग्रेजी दा का बोलबाला रहेगा।
यूपी बोर्ड परीक्षा में 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा में छात्रों को 85 फीसदी के आसपास अंक मिलते हैं जबकि सीबीएसई और आईसीएसई में छात्रों को 98 फीसदी से अधिक अंक मिलते हैं। ऐसे में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की ही मेरिट में अंग्रेजी माध्यम के अभ्यर्थी 20 से 25 फीसदी अधिक अंक पाने से मेरिट में आगे आ जाते हैं। स्नातक स्तर पर भी अंग्रेजी माध्यम के अभ्यर्थियों को हिन्दी माध्यम वालों से अधिक अंक मिल जाता है। अंग्रेजी माध्यम से परीक्षा देने पर विज्ञान और वाणिज्य वर्ग के छात्रों को अच्छे अंक मिलते ही हैं। साथ ही मानविकी के छात्रों को भी अंग्रेजी माध्यम का लाभ मिलता है। बीएड में बराबर अंक मिलने के बाद भी अंग्रेजी माध्यम के छात्रों का पलड़ा भारी दिखाई पड़ रहा है। टीईटी अनिवार्य योग्यता होने के बाद भी मेरिट से चयन होने पर यूपी बोर्ड के अभ्यर्थियों पर अंग्रेजी माध्यम वाले भारी पड़ेंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से अभी तक शिक्षक भर्ती में बीएड में अंकों का प्रतिशत नहीं जोड़े जाने से बीएड में प्रैक्टिकल और थ्योरी में प्रथम श्रेणी का अंक मिलने पर कुल 12-12 अंक मिलते थे, द्वितीय श्रेणी होने पर 6-6 अंक जबकि तृतीय श्रेणी होने पर अभ्यर्थी को मात्र 3-3 अंक ही मिलते थे। बदली परिस्थिति में बीएड में अंक प्रतिशत की व्यवस्था लागू होने के बाद अब कम अंक से प्रथम श्रेणी नहीं पाने वाले अभ्यर्थियों के चयन की संभावना बढ़ जाएगी।
प्राथमिक
शिक्षक भर्ती में चयन का फार्मूला
हाईस्कूलकुल प्रतिशत 31/10
इंटरमीडिएटकुल प्रतिशत 32/10
स्नातककुल प्रतिशत 34/10
बीएडकुल प्रतिशत 33/10

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