शिक्षा मित्र नियत वेतन की मांग पर आंदोलित

शिक्षा मित्र नियत वेतन की मांग पर आंदोलित

लखनऊ(ब्यूरो)। भर्ती होने वाले प्रशिक्षु शिक्षकों को नियत वेतन 7300 रुपये दिए जाने का शासनादेश जारी होने के बाद शिक्षा मित्र आंदोलित हो गए हैं। शिक्षा मित्रों ने चेतावनी दी है कि उन्हें नियत वेतन देने की मांग की अनदेखी की गई, तो सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा। शिक्षा मित्र शिक्षक कल्याण समिति ने इस मांग को लेकर 15 दिसंबर को विधान भवन के सामने धरना देने का ऐलान किया है। वहीं, आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने चेतानी दी है कि शिक्षा मित्रों की अनदेखी सरकार को भारी पड़ सकती है।
शिक्षा मित्र शिक्षक कल्याण समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार वर्मा ने कहा है कि लंबित मांगों को लेकर 15 दिसंबर को विधान भवन के सामने धरना दिया जाएगा। शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने कहा है कि बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 1.66 लाख शिक्षा मित्र पिछले 12 वर्षों से बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं। राज्य सरकार इन्हें ट्रेनिंग देकर शिक्षक बनाने का आदेश भी कर चुकी है, लेकिन उन्हें नियत वेतन 7300 रुपये देने का आदेश अभी तक जारी नहीं किया गया है। वहीं, भर्ती होने वाले प्रशिक्षु शिक्षकों को नियत वेतन देने का आदेश जारी कर दिया गया है। एसोसिएशन की बैठक 16 दिसंबर को शिक्षक भवन रिसालदार पार्क में बैठक बुलाई गई है इसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।

UPTET/Shiksha Mitra नियुक्त होंगे1.20 लाख शिक्षामित्र

नियुक्त होंगे1.20 लाख शिक्षामित्र

ग्राम सभा स्तर पर नियुक्ति की तैयारी

प्राथमिक विालयों में दूर होगी शिक्षकों की कमी

बी. सिंह
इलाहाबाद। सूबे की सपा सरकार ने प्रदेश के प्राथमिक विालयों में 1.20 लाख शिक्षामित्रों की नियुक्ति करने का मन बनाया है। शासन स्तर पर इस मामले की तैयारी भी शुरू हो गई है। इनकी नियुक्ति ग्राम सभा स्तर पर की जाएगी। शिक्षामित्रों की नियुक्ति के संबंध में भी आरक्षण के नियम अपनाए जाएंगे। इसमें महिलाओं की संख्या 50 प्रतिशत तक निर्धारित की जाएगी। बाकी पुरुष संवर्ग से नियुक्ति होगी। हर गांव के स्कूलों में एक शिक्षामित्र रखा जायेगा। विदित हो कि जहां पहले से शिक्षामित्रों की नियुक्ति की जा चुकी है, वहां दोबारा नियुक्ति नहीं होगी। शिक्षामित्रों के पदों पर स्नातक योग्यताधारी की ही नियुक्ति की जाएगी।

इतनी बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों की नियुक्ति होने से शिक्षकों की कमी एक हद तक पूरी हो जाएगी। इस समय सूबे के प्राथमिक स्कूलों में पौने तीन लाख शिक्षकों के पद खाली चल रहे हैं। इसके अलावा 72,825 बीएड योग्यताधारियों से शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्ति की तैयारी हो रही है। अगले माह दिसंबर 2012 में इन पदों को भरने केलिए विज्ञापन जारी हो जाएगा। इस मामले में हाईकोर्ट ने 7 दिसंबर तक का समय दे रखा है। मुख्यमंत्री भी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में घोषणा कर चुकेहैं। 5500 बीटीसी प्रशिक्षित शिक्षकों की भी नियुक्ति की जानी है। ये वे अभ्यर्थी हैं जिनका परीक्षाफल तकनीकी कारणों से रोका गया है। सपा सरकार प्राथमिक स्कूलों में उर्दू विषय के शिक्षकों की नियुक्ति करने में रुचि ले रही है। राज्य सरकार इसके पहले भी लगभग 60 हजार शिक्षामित्रों की नियुक्तियां कर चुकी हैं। बाद में इन्हें नियमित करने के लिए सरकार ने बीटीसी का प्रशिक्षण देने का निर्णय किया। इस समय पहली किस्त में शिक्षामित्रों को बड़ी संख्या में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण हासिल कर निकलते ही इनको नियमित शिक्षक के रूप में नियुक्त मान लिया जाएगा। ये सभी नियुक्तियां सर्व शिक्षा अभियान के तहत होंगी। इस मद में व्यय होने वाली धनराशि का 75 प्रतिशत बजट केंद्र सरकार खुद देगी। केवल 25 प्रतिशत बजट का राज्य सरकार को अपनी ओर से इंतजाम करना होगा।ग्राम सभा स्तर पर नियुक्ति की तैयारी


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