कानपुर : पूरे घटनाक्रम की जांच नियम विरुद्ध की गई है। ऐसे में जब नियमों की अनदेखी कर तैयार किया गया आरोप पत्र पूरी तरह सवालों के घेरे में है। टीईटी मामले में गुरुवार को बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने नरेंद्र प्रताप सिंह व मनीष चंद्र के पक्ष में देहात जिला जज धर्मवीर सिंह की अदालत में यह दलील दी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि विवेचना त्रुटिपूर्ण है। मामले पर कोई भी शिकायत कर्ता नहीं है पुलिस खुद ही शिकायत कर्ता की भूमिका में है। विवेचक ने कोई भी साक्ष्य खुद इकट्ठा नहीं किए बल्कि इंस्पेक्टर द्वारा किए गए हैं। उनके मुवक्किल सरकारी कर्मचारी हैं लेकिन उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं ली गई। इन सब दलीलों के आधार पर उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा लगाए गए आरोप उनके मुवक्किलों पर नहीं बनते। इस मामले में अदालत ने अभियोजन को अपना पक्ष रखने के लिए 7 दिसंबर की तारीख दी है। बताते चलें कि टीईटी धन बरामदगी मामले में माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व निदेशक संजय मोहन समेत सभी आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में अदालत में पेश किया गया। सुनवाई के बाद सभी को जेल भेज दिया गया। Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/kanpur-city-9894302.html / Jagran (29.11.12) ***************** Sanjay Mohan's case still running in court and no final decision arrives. |
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