टीईटी के लिए बीएड वाले करें अभी इंतजार
• अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ।
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) देने के लिए बीएड डिग्रीधारकाें को अभी
इंतजार करना होगा। राज्य सरकार इस साल टीईटी नहीं कराएगी। शासन स्तर पर इस
संबंध में काफी हद तक सहमति बन गई है। यह भी तय किया गया है कि टीईटी
आयोजित कराने से पहले परीक्षा नियामक प्राधिकारी में सचिव के पद पर किसी
वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती की जाएगी।
बेसिक
शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी पास करना
अनिवार्य कर दिया गया है। यूपी में पहली बार टीईटी 2011 में माध्यमिक
शिक्षा परिषद ने कराया था। परीक्षा में धांधली होने के बाद तत्कालीन
माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार कर लिया गया था। टीईटी हर
साल आयोजित कराई जानी है।
राज्य सरकार ने
इस साल टीईटी कराने की जिम्म्ेदारी माध्यमिक शिक्षा परिषद से लेकर परीक्षा
नियामक प्राधिकारी को यह जिम्मेदारी देने का निर्णय किया है। परीक्षा के
लिए ऑनलाइन आवेदन लिया जाना है। पर शासन स्तर पर हुई उच्चाधिकारियों की
बैठक में तय किया गया है कि इस साल परीक्षा कराने तें काफी देर हो गई है,
इसलिए परीक्षा अब अगले साल कराई जाए।
परीक्षा कराने से पहले परीक्षा नियामक प्राधिकारी में वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती कर दी जाए।
गौरतलब
है कि टीईटी प्रमाण पत्र की वैद्यता पांच साल की होती है। टीईटी पास करने
वाला ही शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन करने को पात्र होगा। टीईटी प्राथमिक और
उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए अलग-अलग होगी। परीक्षा में शामिल होने वाले
सामान्य और पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों से 500 और अनुसूचित व जनजाति के
अभ्यर्थियों से 250 रुपये शुल्क लिया जाता है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में
जनपद स्तर पर गठित होने वाली कमेटी परीक्षा केंद्रों का निर्धारण करेगी।
इसमें संयुक्त शिक्षा निदेशक सदस्य सचिव होंगे और डायट प्राचार्य, एडी
बेसिक व बीएसए सदस्य होंगे।
•अब इस साल नहीं कराई जाएगी टीईटी
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