शिक्षक भर्ती में मूल जिले का लगेगा निवास प्रमाण पत्र
लखनऊ/ब्यूरो | Last updated on: December 11, 2012 8:58 AM IST
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प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती में मूल
जिले का ही निवास प्रमाण पत्र काउंसलिंग के समय प्रस्तुत करना होगा। अन्य
जिलों में आवेदन के लिए उसे अलग से निवास प्रमाण पत्र बनवाने की जरूरत नहीं
होगी। इसके अलावा ऑनलाइन आवेदन के लिए शुल्क में किसी तरह की कमी नहीं की
जाएगी। राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में हाईकोर्ट को अवगत करा दिया गया
है। हाईकोर्ट ने इसके बाद भी आदेश न बदला तो इसके खिलाफ विशेष अपील की
जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी शासनादेश में कहा गया है कि मेरिट सूची में आने वाले आवेदकों को काउंसलिंग के समय आवेदन से पूर्व बनवाए गए निवास प्रमाण पत्र को प्रस्तुत करना होगा। इसको लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी। आवेदन के बारे में जानकारी लेने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) पर जाने वालों से यही कहा जा रहा था कि जिस जिले से आवेदन करेंगे, उस जिले का निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने सोमवार को स्पष्ट किया कि आवेदक जिस जिले का मूल निवासी है, उसे केवल उसी जिले का ही निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना पड़ेगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि आवेदन शुल्क में किसी तरह की कोई कमी नहीं की जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी शासनादेश में कहा गया है कि मेरिट सूची में आने वाले आवेदकों को काउंसलिंग के समय आवेदन से पूर्व बनवाए गए निवास प्रमाण पत्र को प्रस्तुत करना होगा। इसको लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी। आवेदन के बारे में जानकारी लेने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) पर जाने वालों से यही कहा जा रहा था कि जिस जिले से आवेदन करेंगे, उस जिले का निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने सोमवार को स्पष्ट किया कि आवेदक जिस जिले का मूल निवासी है, उसे केवल उसी जिले का ही निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना पड़ेगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि आवेदन शुल्क में किसी तरह की कोई कमी नहीं की जाएगी।
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